बच्चे को पेपर का एरोप्लेन बनाना सिखाये।
आज के टाइम मैं बच्चे अपना दिमाग मोबाइल और कंप्यूटर मैं ही लगाते है वैसे उनका वि कोई दोष नहीं क्यों की माता पिता के ऊपर वि है की अपने बच्चो को क्या सीखना चाहये। पुरने टाइम मैं माता पिता बच्चो को तरह तरह की खेल करवाते थे जैसे की लोदु , कैरम बोर्ड, पेपर से बनी गेम्स लेकिन आज हम पेपर से बने एरोप्लेन की बात कर रहे है ।
यह एक ऐसा अनुभब होता है की जब पिता अपने बच्चे को पेपर प्लेन बना कर देता है तोह उस पेपर प्लेन को हवा मैं ऊपर उदा कर बच्चा और पिता को इतनी खुशु मिलती है जैसे की वो एक प्लेन मैं बैठे हो । प्रैक्टिकल करने से सपने वि पुरे होते है लेकिन आज के टाइम मैं बच्चे वीडियो गेम्स और मोबाइल को ही सब समझते है
बच्चो को हमे प्रैक्टिकल गेमस मैं ही फोकस देना चाहिए ।
क्यों की इस से दिमाग का वि विकास होता है और बच्चो मैं क्रिएटिविटी वि अति है
आज के टाइम मैं बच्चे अपना दिमाग मोबाइल और कंप्यूटर मैं ही लगाते है वैसे उनका वि कोई दोष नहीं क्यों की माता पिता के ऊपर वि है की अपने बच्चो को क्या सीखना चाहये। पुरने टाइम मैं माता पिता बच्चो को तरह तरह की खेल करवाते थे जैसे की लोदु , कैरम बोर्ड, पेपर से बनी गेम्स लेकिन आज हम पेपर से बने एरोप्लेन की बात कर रहे है ।
यह एक ऐसा अनुभब होता है की जब पिता अपने बच्चे को पेपर प्लेन बना कर देता है तोह उस पेपर प्लेन को हवा मैं ऊपर उदा कर बच्चा और पिता को इतनी खुशु मिलती है जैसे की वो एक प्लेन मैं बैठे हो । प्रैक्टिकल करने से सपने वि पुरे होते है लेकिन आज के टाइम मैं बच्चे वीडियो गेम्स और मोबाइल को ही सब समझते है
बच्चो को हमे प्रैक्टिकल गेमस मैं ही फोकस देना चाहिए ।
क्यों की इस से दिमाग का वि विकास होता है और बच्चो मैं क्रिएटिविटी वि अति है